समाज कल्याण, सतत विकास एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को बढ़ावा देने में भौतिक विज्ञान की भूमिका पर अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार
भौतिक विज्ञान में उन्नति वेदों की देन है: प्रो एन के जोशी
प्रदेश के वित्त मंत्री एवं स्थानीय विधायक प्रेमचंद अग्रवाल ने किया उद्घाटन
ऋषिकेश: समाज कल्याण, सतत विकास एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को बढ़ावा देने में भौतिक विज्ञान की भूमिका विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर ऋषिकेश में आयोजन किया जा रहा है।
विज्ञान संकाय के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि वित्त एवं शहरी विकास मंत्री श्री प्रेमचंद अग्रवाल, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एन के जोशी, पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर के प्राचार्य प्रो एम एस रावत, विज्ञान संकायध्यक्ष प्रो गुलशन कुमार ढींगरा, सगोष्ठी के संयोजक प्रो वाई के शर्मा, आयोजक सचिव डॉ गौरव वार्ष्णेय एवं डॉ सीमा बैनीवाल द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया।
कार्यक्रम के प्रारंम्भ में संगीत विभाग के विद्यार्थियों द्वारा सरस्वती वंदना एवं विश्वविद्यालय का कुल गीत प्रस्तुत किया गया। उद्घाटन समारोह में परिसर के प्राचार्य प्रो एम एस रावत ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।
संगोष्ठी के संयोजक प्रो वाई के शर्मा ने संगोष्ठी में आयोजित होने वाले विभिन्न व्याख्यानों एवं तकनीकी सत्रों की जानकारी दी। विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो गुलशन ढींगरा ने कहा कि विज्ञान संकाय में आयोजित यह संगोष्ठी समस्त प्राध्यापकों एवं शोधार्थियों के लिए लाभकारी होगी।
मुख्य अतिथि प्रदेश के वित्त मंत्री एवं स्थानीय विधायक प्रेमचंद अग्रवाल ने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारे देश में प्राचीन काल से ही विज्ञान के साथ साथ भौतिकी का महत्व उत्तरोत्तर बढ़ता ही गया।
समाज में आधुनिकीकरण की आवश्यकता के लिए जन सामान्य में विज्ञान तथा कौशल का प्रसार एवं वैज्ञानिक अभिवृद्धि का विकास आज की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सार्वभौमिक पहुँच प्रदान करना है।
यह शिक्षा नीति देश के पारम्परिक मूल्य प्रणालियों का निर्माण करती है और साथ ही प्रत्येक छात्र की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शिक्षा प्रणाली को अधिक अनुभवात्मक, वैज्ञानिक, रचनात्मक और व्यक्तिगत बनाने हेतु अनेक सुधार प्रस्तुत करती है| उन्होंने कुलपति एवं संगोष्ठी के आयोजन हेतु बधाई दी तथा सफलता हेतु शुभकामनायें दी।
उन्होंने कहा कि संगोष्ठी में जुड़े विषय विशेषज्ञ एवं शोधार्थी संगोष्ठी के विषय व्यापक विचार विमर्श करेंगे तथा ऐसे निष्कर्ष पर पहुंचेंगे जो कि देश की उन्नति एवं उसे विश्वगुरु बनाये रखने में अनोखे आयाम स्थापित करेगा।
उन्होंने ऋषिकेश परिसर के विकास एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया। शिक्षा की उपयोगिता पर जोर दिया और छात्र- केंद्रित शिक्षा प्रणाली अपनाने को कहा।
शिक्षा के शेत्र में जो शिक्षाविद हैं, वें शिक्षा की नीव हैं। नयी शिक्षा नीति 2020 जिसका उददेश्य लक्ष्य सतत विकास को प्राप्त करना। भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में चंद्रयान एवं आदित्य की सफलता पर बधाई दी।
उन्होने कहा वेदों से विज्ञान की उत्पत्ति हुई है और हम सभी को भारतीय होने एवं हिन्दी भाषा में बोलने गर्व करना चाहिए।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एन के जोशी ने वित्त मंत्री का संगोष्ठी में आगमन पर स्वागत करते हुए कहा कि भौतिक विज्ञान में उन्नति वेदों की देन है। अटॉमिक थ्योरम एवं न्यूटन लॉ कनाग ऋषि द्वारा पुराणो में पहले ही बता दिया गया था।
उन्होने वेदों में विज्ञान पर शोध करने की आवश्यकता पर जोर दिया! मन की गति सफलता की प्रेरक हैं।
वेदों में विज्ञान का जो वर्णन है उस पर चर्चा की और कहा की जरुरत है तो आज भारतीय ज्ञान पर शोध की।
इस अवसर पर संगोष्ठी में प्रस्तुत होने वाले शोधपत्रों एवं आमंत्रित व्याख्यानों के सारांशों की सारांश पुस्तिका का विमोचन भी किया गया| आयोजक सचिव डॉ गौरव वार्ष्णेय ने सभी का आभार ज्ञापित किया। उद्घाटन सत्र का सञ्चालन सहआयोजक सचिव डॉ सीमा बैनीवाल ने किया|
संगोष्ठी में फ्लोरिडा विश्वविद्यालय अमेरिका से आये प्रो शैलेन्द्र सिंह ने कीनोट व्याख्यान दिया, इसके पश्चात प्रो ए के श्रीवास्तव, प्रो बी सी प्रसन्नकुमारा, प्रो तौकीर अहमद, प्रो गिरिजा शंकर यादव के आमंत्रित व्याख्यान हुए| तकनीकि सत्र में विभिन्न शोधार्थियों ने शोधपत्र प्रस्तुत किये।
संगोष्टी में पार्षद शिव कुमार गौतम , डीन कॉमर्स प्रो कंचनलता, डीन छात्र कल्याण प्रो पी के सिंह सहित समस्त प्राध्यापक, विभिन्न विश्वविद्यालओं के शोधार्थी, छात्र संघ पदाधिकारी,छात्र छात्राएं एवं एन सी सी कैडेट्स उपस्थित रहे|