संस्कृत के अध्ययन से व्यक्ति में नैतिक मूल्यों का वर्धन होता है, इसलिए चरित्र निर्माण में भी संस्कृत का महत्वपूर्ण योगदान है: डॉ. सत्यप्रकाश शर्मा

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संस्कृत के अध्ययन से व्यक्ति में नैतिक मूल्यों का वर्धन होता है, इसलिए चरित्र निर्माण में भी संस्कृत का महत्वपूर्ण योगदान है: डॉ. सत्यप्रकाश शर्मा
संस्कृत के अध्ययन से व्यक्ति में नैतिक मूल्यों का वर्धन होता है, इसलिए चरित्र निर्माण में भी संस्कृत का महत्वपूर्ण योगदान है: डॉ. सत्यप्रकाश शर्मा
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संस्कृत के अध्ययन से व्यक्ति में नैतिक मूल्यों का वर्धन होता है, इसलिए चरित्र निर्माण में भी संस्कृत का महत्वपूर्ण योगदान है, अतः छात्रों को संस्कृत विषय का अध्ययन अवश्य करना चाहिए। यह बात राजकीय महाविद्यालय पाबौ पौड़ी गढ़वाल के प्राचार्य डॉ. सत्यप्रकाश शर्मा ने कही, वे संस्कृत विभाग की श्लोकोच्चारण प्रतियोगिता एवम संस्कृत भाषण प्रतियोगिता कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे।

सरहद का साक्षी, विक्रम सिंह रावत @पौड़ी

कार्यक्रम में प्राचार्य ने संस्कृत के महत्त्व को बताते हुए कहा कि संस्कृत भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषा है तथा समस्त भाषाओं की जननी है। विश्व की सबसे प्राचीन पुस्तक ऋग्वेद है जो कि संस्कृत भाषा में लिखी गई है इससे सिद्ध होता है कि सबसे प्राचीन भाषा संस्कृत है। समस्त ज्ञान विज्ञान की निधि संस्कृत भाषा में ही निहित है।

कार्यक्रम का संचालन संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ कैलाश चंद्र भट्ट द्वारा किया गया उन्होंने कहा कि जब हमे संस्कृत विषय का ज्ञान होगा तभी हम वेदों में वर्णित ज्ञान का अर्थावबोध कर पाएंगे तथा ब्राह्मण एवं उपनिषद् ग्रंथों में विद्यमान दार्शनिक रहस्यों का ज्ञान प्राप्त कर पाएंगे इसलिए संस्कृत भाषा का अध्ययन अनिवार्य है।

कार्यक्रम में बीए प्रथम द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के छात्रों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में मूल्यांकन समिति के रूप में डॉ मुकेश साह, डॉ सुनीता चौहान, डॉ गणेश चंद, डॉ तनुजा रावत, डॉ सौरभ सिंह, डॉ जयप्रकाश पवार तथा डॉ सरिता द्वारा योगदान दिया गया।

श्लोक उच्चारण प्रतियोगिता मे बए प्रथम सेमेस्टर की कु. दुर्गा ने प्रथम, बीए प्रथम सेमेस्टर की कु. साक्षी ने द्वितीय तथा बीए तृतीय वर्ष के छात्र मनोज ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। भाषण प्रतियोगिता में दुर्गा प्रथम स्थान पर तथा शिवानी द्वितीय स्थान पर रही। कार्यक्रम में मुकेश कंडारी, जयवीर नेगी, विजेंदर बिष्ट, आदि उपस्थित रहे।

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