महाविद्यालय थलीसैण में जी-20 के तहत कार्यक्रम आयोजित
महाविद्यालय थलीसैण (पौड़ी गढ़वाल) कला संकाय के तत्वावधान में जी-20 के तहत महिला सशक्तिकरण के अर्न्तगत सशक्त भारत, सशक्त नारी विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें समकालीन भारत में नारी की स्थिति पर चर्चा की गयी।
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय थलीसैण (पौड़ी गढ़वाल) कला संकाय के तत्वावधान में इस अवसर पर वक्ताओं द्वारा जी-20 के परिदृश्य में भारतीय नारी की स्थिति में आये सकारात्मक बदलाव पर अपने विचार प्रकट किये गये। विश्व के 20 सशक्त देशों के मध्य भारत को अध्यक्षता प्राप्त हुई है।
इस उपलक्ष्य में भारत के 56 स्थानों में से उत्तराखण्ड के 2 स्थानों मुनिकीरेती (ऋषिकेश) एवं रामनगर में वृहद स्तर पर कार्यक्रम आयोजित होगें। इसी क्रम में निर्धारित विषयों में से एक महिला सशक्तिकरण पर महाविद्यालय में कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही प्राचार्य, डॉ रेनू रानी बंसल ने जी-20 देशो के मध्य भारत के अध्यक्षता करने को महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक होने के साथ – साथ गौरवशाली बताया। उन्होंने नारी सशक्तिकरण पर बोलते हुए कहा कि नये वैश्विक परिदृश्य में उभरते भारत के अन्दर भारतीय नारी के नित्य नव उत्थान देश को अत्यन्त गौरवान्वित करने वाला है।
कार्यक्रम के मुख्य अथिति वरिष्ठ वयोवृद्ध सामाजिक कार्यकर्ता एवं पूर्व पीटीए अध्यक्ष श्री त्रिलोक सिंह रावत ने दुनिया के सर्वाधिक शक्तिशाली देश के मध्य भारत को नेतृत्व करने का अवसर मिलने को देश के सम्मान के साथ जोड़ते हुए आज के भारत को अत्यन्त शक्तिशाली होने का प्रमाण बताया।
महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ नवरत्न सिंह ने भारतीय नारी की संघर्ष गाथा को रेखांकित करते हुए कहा कि आज भारत की नारी विश्व पटल में अपनी पहचान बनाने में सफल सिद्ध हुई है। देश की आधी आवादी सत्य, महिलाओं के उत्थान की संघर्ष गाथा आजादी के अमृत काल में नये-नये शिखरो को स्पर्श कर रही है।
अर्थशास्त्र विभाग प्रभारी डॉ जेसी भट्ट ने विश्व के 20 सर्वाधिक सशक्त आर्थिक राष्ट्रों की अध्यक्षता को महत्वपूर्ण बताते हुए भारत के आर्थिक विकास में महिलाओं के योगदान को सराहनीय बताया। अंग्रेजी विभाग प्रभारी डॉ निर्मला रावत ने भारत जैसे विशाल लोकतांन्त्रिक देश में सर्वोच्च राष्ट्रपति पद पर महिला होने को भारत में महिलाओं की स्थिति को बताने के लिये पर्याप्त बताया। राजनीति विभाग प्रभारी डॉ विकास प्रताप सिंह ने भारत में महिलाओं की स्थिति, प्रारम्भिक संघर्ष से एक सुदृढ स्थिति में पहुचने तक को विश्व के लिये एक आदर्श उदाहरण बताया।
इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ छाया सिंह, डॉ बिपेन्द्र रावत , डॉ सुधीर रावत, डॉ विवेक रावत, डॉ दुदुन मेहता, डॉ अराधना सिंह, डॉ विक्रम सिंह रौतेला, डॉ अजय कुमार, डॉ मीनू बुटोला, डॉ चन्द्रकान्त तिवारी, डॉ विनोद कुमार, डॉ गिरीश आर्य, डॉ धर्मेन्द्र कुमार, श्री भारत सिंह बिष्ट, श्री धर्मेन्द्र सिंह, श्री राकेश सिंह, श्री आनन्द मणी, श्री सुरेन्द्र सिंह, श्री बलबीर सिंह आदि कर्मचारी तथा महाविद्यालय छात्र संघ पदाधिकारी एवं छात्र/छात्राएं आदि उपस्थित रहे । कार्यक्रम का संचालन डॉ नीरज असवाल ने किया।