भिलंगना के प्रधान संगठन की बैठक में मनरेगा के तहत मोबाइल एप्प के माध्यम से मजदूरों की उपस्थिति लगाने तथा ग्राम पंचायतों का सोशल ऑडिट किए जाने के खिलाफ उपजिलाधिकारी के .एन.गोस्वामी के माध्यम से सूबे के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया।
सरहद का साक्षी, लोकेंद्र जोशी@घनसाली
राज्य के सबसे बड़े विकास खण्ड भिलंगना के प्रधान संगठन की एक आवश्यक बैठक अध्यक्ष दिनेश लाल भजनियाल की अध्यक्षता में आयोजित की गयी। जिसमे विकास खण्ड के बड़ी संख्या में निर्वाचित ग्राम प्रधानों ने भाग लिया। घनसाली विकास खण्ड मुख्यालय भिलंगना के प्रांगण में आयोजित प्रतिनिधियों ने बैठक अपनी समस्याओं पर चर्चा की तथा सरकार से समस्याओं के निराकरण की माँग की गयी। बैठक में विभिन्न प्रस्ताव पारित किए गए।

ग्राम प्रधानों का एक शिष्ट मण्डल ने उप जिलाधिकारी क. एन. गोस्वामी से भेंट की गयी और ब्लॉक स्तरीय विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की गयी। तदोपरांत उप जिलाधिकारी के.एन. गोस्वामी के माध्यम से मुख्य मंत्री को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया कि सरकार के द्वारा मजदूरी भुगतान कार्य स्थल पर उपस्थिति मोबाइल एप के माध्यम से लगवाया जाना अविवेक पूर्ण निर्णय है। और यह लागू होने से मजदूरों की मजदूरी भुगतान होने में भारी दिक्कते होंगी।
ज्ञापन में कहा गया कि,उत्तराखंड विषम भौगोलिक वाला पर्वतीय प्रदेश हैं जंहा अधिकांश भू-भाग पर्वतीय क्षेत्र है। और यहाँ अभी भी कई ग्राम पंचायते मोबाइल टावर से नहीं जुड़े हैं, और जुड़े होने के बावजूद गांवों के मजदूरों के कार्य क्षेत्रों कैनेक्विटी न होने के कारण,मजदूरों की उपस्थिति लगाई जानी सम्भव नहीं है। किंतु सरकार ने परिस्थितियों को न समझते हुए इस तरह का अब्यवाहरिक आदेश लागू कर दिया जो कि गलत और अविवेक पूर्ण निर्णय है और इसका पुरजोर विरोध करते हैं। जिसका सरकार को बदलना होगा। वरना सरकार को आंदोलन झेलना पड़ेगा।
इसके साथ ही सरकार द्वारा प्राइवेट सोसाइटी के माध्यम से आगामी 1 जनवरी से ग्राम पंचायतों के सोशियल ऑडिट करवाने के सरकार के निर्णय सेकर, प्रधान संगठनों में भारी रोष देखा गया। प्रधान संगठन में बैठक में रोष ब्यक्त करते हुए ज्ञापन कहा कि सरकार सोशियल ऑडिट करवाने के निर्णय से स्पष्ट होता है कि पंचायतों के अधिकारों का हनन कर लोकतंत्र की परिभाषा बदलना चाहती है। प्रधान संगठन ने मांग की कि यदि इन कानूनों को सरकार के द्वारा वापस नहीं लिया गया तो प्रधान संगठनों को आंदोलन का निर्णय लेने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
ज्ञापन में कहा गया कि बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों के द्वारा निर्णय लिया गया कि उक्त निर्णयों के खिलाफ एक जनवरी 2023 से कोई भी सदस्य मस्ट्रोल नहीं निकालेगा और यदि कोई निकालेगा तो उसका उतरदाई स्वयं रहेगा।
ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वाले अध्यक्ष दिनेश भजनियाल, संरक्षक यशवन्त गुसाईं, नरबदेश्वर् बडोनी, विनय राणा” बिन्नी” श्रीमती लक्ष्मी पँवार, श्रीमती मीना अंथ्वाल, श्रीमती रेखा अंथ्वाल, काजल देवी विजय लक्ष्मी, विक्रम सिंह नेगी, सतीश शाह, श्रीमती सविता मैठाणी विक्रम सिंह पँवार सुमित्रा राणा शिव सिंह चमीयाल , काजल देवी, प्रमोद प्रसाद आदि बड़ी संख्या में प्रधान संगठन के लोग उपस्थित रहे।