भारत की महान संस्कृति, समाज, विरासत और परंपरा के अनुकूूल है, नई शिक्षा नीति: निदेशक NCERT प्रो. सकलानी

नई शिक्षा नीति
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भारत की महान संस्कृति, समाज, विरासत और परंपरा के अनुकूूल

NCERT के निदेशक प्रो. दिनेश प्रसाद सकलानी के चंबा नगर आगमन पर भव्य स्वागत

तैत्रीयोपनिषद के पंचकोश आधारित शिक्षा का होगा समावेश: निदेशक NCERT प्रो. सकलानी

भारत की महान संस्कृति, समाज, विरासत और परंपरा के अनुकूूल है, नई शिक्षा नीति, यह बात (NCERT) के निदेशक प्रो. दिनेश प्रसाद सकलानी के चंबा नगर आगमन पर कही। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के निदेशक प्रो. दिनेश प्रसाद सकलानी के चंबा नगर आगमन पर भव्य स्वागत किया गया। नगर पालिका परिषद सभागार में पालिका अध्यक्ष सुमन रमोला, अधिशासी अधिकारी उपेंद्र तिवारी, कार्यक्रम समन्वयक सोमवारी लाल सकलानी ‘निशांत’, शहर के गणमान्य व्यक्तियों के अलावा केन्द्रीय विश्वविद्यालय से आए हुए अनेकों आचार्य और उपाचार्य, शोध छात्रो, बुद्धिजीवी वर्ग और जनप्रतिनिधियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। प्रोफेसर दिनेश सकलानी अपने निजी दौरे पर अपने गांव जा रहे थे। इस दौरान चंबा में भी उनका बुके, अंगवस्त्र, प्रतीक चिह्न,अभिनन्दन पत्र प्रदान कर स्वागत किया गया।

प्रोफेसर सकलानी ने नई शिक्षा नीति, उसके क्रियान्वयन, पाठ्यचर्या, पाठ्यक्रम, पाठ्य पुस्तकें, शोध और प्रशिक्षण आदि पर अपना विस्तृत व्याख्यान दिया। कहा कि नई शिक्षा नीति पंचकोश आधारित है जो तैत्रीयोपनिषद में वर्णित है। जिसमें अनन्य पुराण, प्राणमय कोश, विज्ञानमय कोश, मनोमय कोष और आनंदमय कोश समाहित है।आज हमारे देश की प्राचीन मनीषियों द्वारा प्रदत्त शिक्षा का पाश्चात्य देश भरपूर उपयोग कर रहे हैं जबकि आजादी के लंबे समय तक हम मैकाले की शिक्षा नीति के प्रभाव से मुक्त न हो सके।

नई शिक्षा नीति- 2020 का जिक्र करते हुए उन्होंने बिंदुवार अवगत कराया कहा कि नई शिक्षा नीति समाज, संस्कृति, हमारी प्राचीन विरासत, हमारे ग्रामीण जीवन की परंपरा, हमारे आचरण- व्यवहार, रीति-नीति, व्यवसाय और प्रकृति पर आधारित है। जिसके प्रथम चरण का कार्य पूर्ण हो चुका है। अभी काफी कुछ और करना है। प्रकृति और संस्कृति,ज्वाय फुल एजुकेशन, खेल आधारित शिक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, खिलौना आधारित शिक्षा आदि पर भी फोकस किया।

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एच.एन.बी विश्वविद्यालय से फार्मा केमिस्ट्री की डा. सरला सकलानी ने भी शिक्षा के बारे में अपने विचार व्यक्त किए। कहा कि किस प्रकार से हम अपने छात्र -छात्राओं को व्यावसायिक शिक्षा से जोड़ सकते हैं ताकि उन्हें बेहतर जिंदगी जीने का अवसर प्रदान हो सके।

प्रो. सुनीता गोदियाल ने निदेशक से अर्ज किया कि राज्य स्तर पर जिस प्रकार से नई शिक्षा नीति का क्रियान्वयन हो रहा है, देवभूमि उत्तराखंड को इसका सर्वाधिक लाभ मिलेगा क्योंकि निदेशक महोदय पर्वतीय परिवेश से भलीभांति वाकिफ है।

नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष सुमन रमोला ने प्रो. सकलानी का स्वागत करते हुए कहा कि उन्हें यह गौरवपूर्ण पल हमेशा याद रहेगा कि अपने क्षेत्र से जमीन से जुड़े प्रो0 सकलानी राष्ट्रीय परिषद के निदेशक के पद को सुशोभित कर रहे हैं। वह अपने को कृतार्थ मानती हैं और हमारी आने वाली पीढ़ी प्रेरणा लेगी।

पूर्व पालिका अध्यक्ष सूरज राणा ने कहा कि प्रोफ़ेसर सकलानी ने जिस प्रकार से अपने को शिक्षा के क्षेत्र में स्थापित किया,यह राष्ट्रीय गौरव की बात है।स्वागत समारोह में अनेक विद्वान व्यक्तियों ने अपने विचार व्यक्त किए।

इस मौके पर डॉ पवन कुदवान, डॉक्टर प्रेम बहादुर, डॉ पवन, सभासद शक्ति प्रसाद जोशी, सभासद रघुवीर सिंह रावत, जगदीश सकलानी, कृष्णानंद सेमवाल, ओमप्रकाश तिवारी आदि बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन कवि सोमवारी लाल सकलानी निशांत ने किया।