तीन मिनट का भाषण और जीत लिया करोड़ों लोगों का दिल।
उत्तराखंड की बेटी दिव्या ने कर दिखाया कमाल।
पहाड़ी परिधान, प्रस्तुति और विचारों से मोह लिया सबका मन।
केंद्रीय मंत्री के द्वारा दिया गया सम्मान
तीन मिनट का भाषण और जीत लिया करोड़ों लोगों का दिल। उत्तराखंड की बेटी दिव्या ने कर दिखाया कमाल। पहाड़ी परिधान, प्रस्तुति और विचारों से मोह लिया सबका मन। केंद्रीय मंत्री के द्वारा दिया गया सम्मान।
@कवि: सोमवारी लाल सकलानी ‘निशांत’
उत्तराखंड, टिहरी जनपद की बेटी दिव्या नेगी ने ‘नेशनल यूथ पार्लियामेंट’ में अपने 03 मिनट के वक्तव्य में करोड़ों लोगों का मन मोह लिया। टिहरी जनपद के थौलधार प्रखंड स्थित, सुनारगांव (जुवा) में जन्मी दिव्या नेगी ने अपनी छोटी उम्र में ही गजब के हुनर का प्रदर्शन किया।
नेशनल यूथ पार्लियामेंट में अपनी क्षेत्रीय वेशभूषा में जो वक्तव्य प्रस्तुत किया, उसके लिए संपूर्ण क्षेत्र, प्रदेश और देश में सराहना की जा रही है। इस स्वर्णिम उपलब्धि के लिए उनका पारिवारिक परिवेश, क्षेत्रीय प्रभाव, उचित मार्गदर्शन तथा सटीक चयन चारों का सुंदर समन्वय देखा जा सकता है।
दिव्या नेगी श्रीमती सुशीला नेगी और श्री जगत सिंह नेगी की सबसे छोटी पुत्री है। उनके सबसे बड़े भाई दीप नेगी ‘दीपेंद्र’ एक अच्छे लेखक, वैचारिक युवा और संस्कृतिकर्मी के साथ-साथ देश-विदेश में अपनी अच्छी छवि बनाए हुए हैं।
यद्यपि वह दुबई में सेवारत हैं लेकिन अनेक संस्थाओं और अपनी पुस्तकों के द्वारा अपनी क्षेत्रीय संस्कृति को के प्रति संवेदनशील हैं। इन सब बातों का परोक्ष रूप से अवश्य दिव्या पर प्रभाव पड़ा होगा। मेरा मानना है। पिता जगत सिंह नेगी भी बचपन में खूब कविताएं रचते थे और उनकी एक पुस्तक भी प्रकाशित हुई थी। पारिवारिक वातावरण का असर बच्चों पर असर पड़ता है।
सौभाग्य की बात यह है कि मेरे कर्म क्षेत्र से बमुश्किल आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित उनका गांव है। दिव्या के बड़े बहनों और भाइयों को मुझे भी शिक्षा देने का सौभाग्य मिला।
यूं तो प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया में दिव्या के बारे में काफी कुछ बताया जा चुका है। उनका भाषण वीडियो भी शेयर है और आज शायद ही कोई व्यक्ति उत्तराखंड में होगा जो दिव्या के नाम से अब अनभिज्ञ हो।
यूट्यूब पर जब मैंने उनका वक्तव्य का वीडियो देखा तो अपार हर्ष हुआ। उपयुक्त परिधान, सुंदर प्रस्तुतीकरण, सटीक थीम,वक्तव्य में उतार-चढ़ाव, उत्कृष्ट और समसामयिक आइडिया, सार युक्त समापन और टाइमिंग उनके भाषण का अंग रहा। वक्तव्य में समग्र सार, उचित हाव-भाव, ओजस्वी भाव भंगिमा, उपयुक्त भाषा-शैली, उद्धरण सभी युवाओं के लिए प्रेरणास्पद हैं।
दिव्या की प्रारंभिक शिक्षा ग्रीन हिल पब्लिक स्कूल कांडीखाल में हुई। इस विद्यालय की प्रधानाध्यापिका के योगदान को भी सराहा जा सकता है।
नेहरू युवा केंद्र के द्वारा बच्चों की ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रतियोगिताओं मे मै भी निर्णायक की भूमिका में रहता हूं। 27 जनवरी 2023 को ऑनलाइन “राष्ट्रीय युवा संसद उत्सव 2023” हेतु नेहरू युवा केंद्र द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल सदस्य की भूमिका अदा करना मेरा भी सौभाग्य रहा। नेहरू युवा केंद्र के प्रयास बच्चों के कौशल विकास में मील का पत्थर है। सही चयन करने में कहीं ना कहीं उनका योगदान भी इन स्वर्णिम उपलब्धि मे निहित है।