डेंगू रोग में रामबाण औषधि है कीवी का फल
रंग लाई कीवी मैन और कीवी क्वीन की मेहनत
गजा, डीपी उनियाल: डेंगू रोग में कीवी फल रामबाण औषधि है। टिहरी जनपद के गजा क्षेत्र के गौंसारी व दुवाकोटी गांव में कीवी फल उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है।
गौंसारी गांव निवासी मान सिंह चौहान ने सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद कीवी फल उत्पादन की ओर रुख किया तो सन् 2018 में लगाये गये 5 पौधौं से तीन साल में ही अच्छी पैदावार करके ‘राइफल मैन से कीवी मैन’ बन गए।
वहीं गजा के निकट दुवाकोटी गांव निवासी श्रीमती सीता चौहान ने 7 साल पहले कीवी के एक दर्जन पौधे लगाए तथा अच्छी आय प्राप्त करते हुए अन्य लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बनकर उद्यान विभाग ने ‘कीवी क्वीन बना दिया। इन दोनो से प्रभावित होकर अब गजा के निकटवर्ती गांवों के 100 लोगों ने कीवी के पौधे लगाए हैं।
कीवी मैन मान सिंह चौहान बताते हैं कि कीवी की बेलों के नीचे जमीन पर सब्जियां तैयार की जाती हैं वहीं दुवाकोटी गांव निवासी श्रीमती सीता चौहान ने कीवी पौधों के नीचे सब्जी तथा आस पास ‘रोजमेरी के 50 से भी अधिक पौधे लगाए हैं।
उनका कहना है कि कीवी फल बहुत कीमती है साथ ही रोजमेरी भी कीमती है उद्यान रक्षा सचल दल गजा प्रभारी सुषमा चौहान ने कहा कि कीवी को जंगली जानवर नुकसान नहीं पहुंचाते हैं साथ ही औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण कीमत भी ठीक मिलती है।
कीवी के पौधों को लगाते समय मादा पौधों के साथ एक दो नर पौधे लगाए जाते हैं। इसकी बेल होती है जिसके लिए टी (T) आकार के ऐंगल लगाये जाते हैं। 3 साल का पौधा ही फल देने लगता है, वर्तमान में कीवी मैन मान सिंह चौहान के 10 तथा कीवी क्वीन सीता चौहान के 30 पोंधे हैं। कच्चे में स्वाद कसैला होने पर बंदर क्षति नहीं पहुंचाते हैं।