चंद्रमा के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग ने रचा नूतन स्वर्णिम इतिहास
पूरा राष्ट्र डूबा जश्न में, माननीय प्रधानमंत्री जी संदेश रहा अनुकरणीय
विश्व ने माना भारतीय वैज्ञानिकों की उपलब्धि का लोहा
बढ़ेगा देश के वैज्ञानिकों का उत्साह और रचेगा भारत उपलब्धियों का इतिहास
चंद्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग एक मील का पत्थर है। पूरे देशवासियों की तरह मै भी खुशी में निमग्न हूं। दिन भर आज टेलीविजन पर कार्यक्रम देखता रहा। लाइव प्रसारण देखकर मन में एक अप्रत्यक्ष भय भी उत्पन्न हो रहा था लेकिन अपने पौरुष को बरकरार रखते हुए परिवारजनों के सम्मुख अभिव्यक्त नहीं किया। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का विदेश से ही लाइव प्रसारण हर्ष और अत्यंत उत्साहवर्धन रहा।
आज भारत में एक ऐसा लक्ष्य प्राप्त किया है जो एक विकासशील देश का सपना होता है और जब सपना साकार होता है तो खुशी मिलनी लाजिम है। इसी को अभीष्ट सिद्धि भी माना जाता है। यूं तो भारतवर्ष ज्ञान- विज्ञान के क्षेत्र में आदिकाल से ही जगतगुरु है। आर्यभट्ट, भास्कर जैसे महान अंतरिक्ष वैज्ञानिक उस युग में भी हुए हैं। जीरो का आविष्कार करने वाले आर्यभट्ट का लोहा आज भी पूरी दुनिया मानती है। कालांतर में भी रामानुजन, मेघनाथ साहा, सीवी रमन, जगदीश चंद्र बोस जैसे महान वैज्ञानिकों की लंबी सूची है।
आजादी के बाद विक्रम साराभाई अंतरिक्ष स्टेशन बन जाने से स्पेश रिसर्च में भारत ने बहुत बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। इसरो के जितने भी आदरणीय अध्यक्ष और उनकी टीम के वैज्ञानिक रहे हैं, उनके संयुक्त प्रयास से ही आज भारत इस उपलब्धि को प्राप्त किया है। भविष्य भारत के लिए स्वर्णिम और सुखद होगा।
मै कोई वैज्ञानिक तो हूं नहीं लेकिन वैज्ञानिकों के साथ मेरी भावनाएं सदा जुड़ी रही हैं। अपनी कविताओं माध्यम से प्रेरणा सदैव देता रहा हूं। “खोज सको तो खोजो बच्चों तारा चांद गगन में” कविताएं रचता रहा हूं।
आज भी कविता वीडियो बनाकर अपनी भूमिका निभाई है।
देश को इस महान उपलब्धि तक पहुँचाने में सम्पूर्ण वैज्ञानिक टीम का योगदान है। चंद्रयान मिशन या अनेक वैज्ञानिक उपलब्धियां को असली मुकाम तक पहुंचाने में देशवासियों का उत्साह तथा हमारे देश के उन्नायकों का भी बड़ा योगदान रहा है। हमारी सरकारें वातावरण तैयार करने में तन मन धन से सहयोग के लिए हमेशा तत्पर रही हैं।
नेहरू जी ने जिस आधुनिक भारत के निर्माण का सपना देखा था, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में परिकल्पना की थी और उसको ग्राउंड पर पहुंचने के लिए अथक प्रयास किया था वह प्रयास इंदिरा जी के शासनकाल में पुष्पित हुआ और आज मोदी जी के राज में फलवंंतित हो रहा है। आज पूरा देश ही नहीं बल्कि विश्व बहुत खुश है और करीब आ गया है। सकारात्मक, उपयोगी उपलब्धि से जगत के विकास का एक और द्वार खुल गया है।
भारत सदैव नई-नई उपलब्धियां को हासिल करने के लिए इसी भावना से आगे बढ़ता रहे। हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी का वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर का संकल्प विश्व के लिए प्रेरणास्पद होगा। चंद्रयान की सफलता के बाद हमारे देश भारत के वैज्ञानिक और उत्साह के साथ देश को नई-नई उपलब्धियां प्रदान करायेंगे। एक बार पुन: चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए अपने देश के महान वैज्ञानिकों को हार्दिक बधाई और सलाम।
*सोमवारी लाल सकलानी ‘निशांत’, (कवि कुटीर)
सुमन कॉलोनी चंबा, टिहरी गढ़वाल।