गढ्ढों में तब्दील छाती मोल्ठा, गजा नकोट रानीचौरी मोटर मार्ग खतरों को दे रहे न्यौता
छाती मोल्ठा मोटर मार्ग पर ग्रामीणों के सड़क निर्माण से क्षतिग्रस्त आम रास्ते आवाजाही हेतु बाधित
नकोट रानीचौरी मोटर मार्ग के दिवाड़ा खाले पर नहीं बन पाई पुलिया
दोनों तरफ झाड़ियों से पटे पडे़ हैं मोटर मार्ग
छाती मोल्ठा सड़क के तीसरे कि.मी. पर हाईटेंशन विद्युत टावर घराशायी होने की कगार पर
गजा/नकोटः देवप्रयाग से गजा होकर जिला मुख्यालय को जोड़ने वाला गजा नकोट रानीचौरी एवं नव निर्मित छाती मोल्ठा मोटर मार्ग विभिन्न स्थानों पर गढ्ढों में तब्दील होकर आवाजाही करने वाले वाहन चालकों एवं पैदल चलने वाले नागरिकों के लिए खतरों को न्यौता दे रह है। मोटर मार्गों की स्थिति यह है कि दुपहिया वाहन चालक विभिन्न जगहों पर कई बार फिसलकर चोट खा चुके हैं या फिर हाथ पांव पर प्लास्टर बंधवा चुके हैं।
नव निर्मित छाती मोल्ठा मोटर मार्ग, ग्रामीणों के आम रास्तों की अभी तक न हो पाई मरम्मत
नव निर्मित छाती मोल्ठा मोटर मार्ग पिछली बरसात से विभिन्न स्थानों पर नाली के रूप में बदलकर गढ्ढों से पटा पड़ा है। इस मार्ग पर बमुस्किल कि.मी. एक तक ही दुपहिया व चौपहिया वाहन चल पा रहे हैं। मार्ग के मुहाने पर ही कई स्थानों पर सड़क गढ्ढों में बदली हुई है। कि.मी. दो के बाद यह मार्ग आवाजाही हेतु पूर्णतया क्षतिग्रस्त की अवस्था में है।
हालांकि लोनिवि द्वारा इस मार्ग को दुरुस्त करने हेतु जेसीबी लगवाया गया, मगर अभी तक यह मार्ग सुचारू नहीं हो पाया। इस मार्ग के निर्माण से ग्रामीणों के आवाजाही के आम रास्ते क्षतिग्रस्त हो चुके थे, जिस कारण गौचर पनघट के इन रास्तों से ग्रामीणों को आवाजाही करने की परेशानियों से जूझना पड़ रहा है।
छाती मोल्ठा मोटर मार्ग के कि.मी. एक के मध्य ग्राम छाती का पौराणिक शिवालय अवस्थित है। जहां निरन्तर दूरदराज एवं स्थानीय शिवभक्तों की आवाजाही बनी रहती है। आरम्भ में ही मार्ग पर भारी भरकम गढ्ढों के चलते आवाजाही करने वाले शिवभक्तों को या तो पैदल आना पड़ता है या फिर दुपहिया वाहन से उतरकर सड़क पर चलने को विवश होना पड़ता है।
इस मोटर मार्ग के कि.मी. तीन पर हाईटेंशन विद्युत पारेषण लाईन का एक टावर सड़क कटान के कारण धराशायी होने को आमादा है, इस बाबत विभाग को पूर्व में ही सूचित किया गया था, लेकिन उक्त विद्युत टावर पर अभी लोक निर्माण विभाग द्वारा सुरक्षात्मक इंतजामात नहीं किए गए हैं। यदि इस टावर के नीचे भूस्खलन जारी रहा और टावर धराशायी हुआ तो इससे होने वाली भारी भरकम जन-धन हानि का आकलन व भरपाई कर पाना मुश्किल है।
गजा नकोट रानीचौरी मोटर मार्ग भी न हो सका गढ्ढा मुक्त
सरकारी घोषणा गढ्ढा मुक्त सड़कों के तहत भी गजा नकोट रानीचौरी मोटर मार्ग गढ्ढा मुक्त न हो सका। ऐसा नहीं कि इस मोटर मार्ग से जिले के आला अफसर, राजनेता न गुजरते हों। मगर मजाल है कि किसी का ध्यान इस मोटर मार्ग की दुर्दशा की ओर जाता हो। नकोट रानीचौरी मोटर मार्ग पर दिवाड़ा खाले में इस बरसात के दौरान आवाजाही करने वाले विद्यालयी छात्रों, सरकारी कर्मचारियों, ठेठ देवप्रयाग से जिला मुख्यालन आने वाले नागरिकों को आवाजाही करने में भारी असुविधा से जूझना पड़ा।
जिस कारण तेज बरसात में यह मार्ग आवाजाही हेतु बन्द भी रहा। दिवाड़ा खाले में पुलिया निर्माण की पुरजोर मांग पिछले कई सालों से क्षेत्रीय जन-प्रतिनिधियों द्वारा की जाती रही है। लेकिन विभागीय अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेंग पाई।
कुल मिलाकर गजा नकोट रानीचौरी, छाती मोल्ठा मोटर मार्गों की विभिन्न स्थानो पर स्थिति दयनीय है और इन मार्गों पर आवाजाही करने वाले नागरिक व वाहन असुरक्षा की भावना से इन मार्गों पर यातायात को विवश होते हैं। दोनांं मोटर मार्ग दोनों तरफ झाड़ियों से पटे पडे़ हैं। विभाग द्वारा झाड़ी कटान की तक जरूरत महसूस नहीं की गई। क्षेत्रीय जन-प्रतिनिधियों, ग्राम प्रधानों ने मोटर मार्गों एवं ग्रामीणों के आम रास्तों के सुधारीकरण की प्रबल मांग पुनः दोहरायी है।