कोठी तल्ली में सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम आयोजित

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कोठी तल्ली में सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम आयोजित
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कोठी तल्ली में सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम आयोजित

नकोटः सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम के तहत चम्बा प्रखण्ड के ग्राम पंचायत छाती अंतर्गत ग्राम कोठी तल्ली में जनता दरवार आयोजित किया गया।

इस मौके पर फरियादियों द्वारा लोनिवि, विद्युत, पेयजल समेत आवारा पशुओं एवं जंगली जानवरों से सम्बधित शिकायतें दर्ज करवायी। कार्यक्रम में पूर्व सैनिक एवं समाजसेवी भूपेन्द्र सिंह धनोला ने छाती मोल्ठा मोटर मार्ग की दुर्दशा, सड़क निर्माण से क्षतिग्रस्त आम रास्तों व पेयजल श्रोत की मरम्मत, ग्राम पंचायत फैगुल व छाती के गांवों में झूलती विद्युत तारों को बंच केबल में बदलवाने, पेड़ों की लॉपिंग करवाने, जंगली जानवरों की समस्या व आवारा पशुओं की समस्या दूर करवाने सहित गांवों के निकट लगाये गये कूड़ादान से कूड़ा निस्तारण करवाने, फैगल मोटर मार्ग पर नाली निर्माण, नकोट कस्बे से जगेठी के खाले तक रोड का डामरीकरण करवाने की मांग रखी। मांगों व शिकायतों के निस्तारण हेतु उप जिलाधिकारी सदर संदीप कुमार द्वारा संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया गया।

एसडीएम सदर संदीप कुमारइस मौके पर लोक निर्माण, पंचायत राज, विद्युत, राजस्व विभाग, शिक्षा विभाग, कृषि आदि विभागों के अधिकारियों समेत स्थानीय जन-प्रतिनिधि, जिला पंचायत सदस्य सत्येन्द्र सिंह धनोला, ग्राम प्रधान विनोद कुमार तथा ग्राम पंचायत के नागरिक आदि मौजूद रहे।

आपको बतातें चलें कि मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं में सम्मिलित चिन्हित कार्यक्रम सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम का आयोजन रोस्टर के अनुरूप विभिन्न ग्रामों में किया जाता है। जिसमें आम जनमानस की शिकायतों की सुनवाई करते हुए त्वरित निस्तारण किया जाना सुनिश्चित किया गया है।

यूँ हो रहा है मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाले इस कार्यक्रम का प्रचार प्रसार

यहाँ देखे प्रचार कार्यक्रम 

लेकिन यहां पर बहुत बड़ी विसंगति यह है कि मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाले इस कार्यक्रम का प्रचार प्रसार आनन फानन में किया जाता रहा है। जबकि इस प्रकार के कार्यक्रमों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए।

व्यापक प्रचार-प्रसार की खामियों के चलते सरकार के ये कार्यक्रम केवल खानापूर्ति तक ही सीमित रह पाते हैं, यही नहीं सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम में लगभग 25 विभागों के अधिकारियों का उपस्थित होना अनिवार्य रखा गया है, मगर मजाल कि सभी जिम्मेदार अधिकारी कभी मौजूद रह पायें। ऐसा आमतौर पर देखा जाता रहा है।

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