एंटी ड्रग प्रकोष्ठ द्वारा महाविद्यालय देहरादून शहर में संगोष्ठी आयोजित
देहरादून: एंटी ड्रग प्रकोष्ठ द्वारा राजकीय महाविद्यालय देहरादून शहर में नशा मुक्ति पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में छात्र-छात्राओं ने बढ़ चढ़कर प्रतिभाग किया।
छात्र-छात्राओं ने संगोष्ठी में देवभूमि को नशा मुक्त बनाने के लिए अपने-अपने विचार व्यक्त किए देवभूमि को नशा मुक्त बनाने के लिए छात्र-छात्राओं ने सभी साथियों से अनुरोध किया कि हमें इस मुहिम में बढ़ चढ़कर भाग लेना है। जब हम जागरूक होंगे तभी हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर पाएंगे। मुख्य वक्ता के रूप में प्रभारी प्राचार्य प्रोफेसर एन डी तिवारी द्वारा छात्र-छात्राओं को नशे से दूर रहने की नसीहत दी गई।
उन्होंने बताया कि नशा किसी भी प्रकार का हो वह जीवन को बर्बाद कर देता है, इसलिए जरूरी है कि नशे के खिलाफ हम समाज के साथ मिलकर अभियान चलाएं। हम सभी का यह प्रयास होना चाहिए कि हम कैसे जन जागृति पैदा करके नशे से लोगों को दूर करें और देवभूमि को नशा मुक्त बनाएं। शराब के अलावा और भी नशे हैं जो काफी खतरनाक हैं जो युवा पीढ़ी को खोखला कर रहे हैं।
एंटी ड्रग प्रकोष्ठ की नोडल अधिकारी डॉक्टर मुक्ता डंगवाल ने छात्र-छात्राओं को नशा मुक्ति अभियान के उद्देश्यों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति अभियान के उद्देश्यों में जागरूकता सृजन कार्यक्रमों स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालय को लक्षित करने, समुदायों में आश्रित आबादी की पहचान करने, उन्हें परामर्श एवं उपचार देने की व्यवस्था प्रदान की जाती है । भारत में नशा मुक्त भारत अभियान सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा लांच किया गया है।
डॉक्टर सुनैना रावत ने कहा कि यह एक कटु सत्य है कि नशीले पदार्थों के सेवन से पीड़ित व्यक्ति को पारिवारिक एवं सामाजिक अलगाव और लोगों की उपेक्षा का सामना करना पड़ता है, जिसके कारण उन्हें मानसिक और शारीरिक कष्ट एवं आघात पहुंचता है। डॉक्टर नीतू बलूनी ने इस अभियान का मुख्य उद्देश्य नशा मुक्ति का संदेश जन-जन तक पहुंचाना बताया।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के अन्य प्राध्यापकों ने भी अपने-अपने विचार प्रस्तुत किये। अंत में कार्यक्रम की नोडल अधिकारी द्वारा सभी वक्ताओं का और छात्र-छात्राओं को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे।