उत्तराखण्ड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति ने लम्बित समस्याओं के समाधान को लेकर धरना देकर प्रदर्शन किया

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उत्तराखण्ड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति ने लम्बित समस्याओं के समाधान को लेकर धरना देकर प्रदर्शन किया
उत्तराखण्ड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति ने लम्बित समस्याओं के समाधान को लेकर धरना देकर प्रदर्शन किया
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जिलाधिकारी के माध्यम से सूबे के मुख्यमंत्री को प्रेषित किया ज्ञापन

उत्तराखण्ड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति ने आज जिला मुख्यालय नई टिहरी में पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत राज्य कार्मिकों के डाउन रोड वेतन के निर्णय को वापस लेने सहित दीघ्र अवधि से लम्बित समस्याओं के समाधान को लेकर धरना देकर प्रदर्शन किया। धरना प्रदर्शन के बाद संगठन ने जिलाधिकारी के माध्यम से सूबे के मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया।

मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में संगठन ने कहा कि कर्मचारी अधिकारियों के मान्यता प्राप्त 10 परिसंघों की संयुक्त रूप से गठित इस समन्वय समिति ने वर्तमान में माननीय (कैबिनेट मंत्रीमण्डल उत्तराखण्ड सरकार द्वारा राज्य कार्मिकों के भारत सरकार की तर्ज पर लिए गये डाउन ग्रेड वेतन के निर्णय को शीघ्र वापस लेने सहित दीघ्र अवधि से लम्बित 20 सूत्रीय मांग पत्र पर न्यायोचित मांगों का शीघ्र निराकरण कराने का अनुरोध आपसे किया गया था।

कहा कि विधानसभा चुनाव से पूर्व समन्वय समिति के प्रान्तीय प्रतिनिधि मण्डल की आपसे सौहार्दपूर्ण वातावरण में वार्ता सम्पन्न हुई थी, जिसमें आपके द्वारा जिन बिन्दुओं का समाधान एवं विसंगतियों का निराकरण विधानसभा चुनाव से पूर्व नहीं हो पाया है, उनका समाधान विधानसभा चुनाव के बाद पुनः सरकार बनने पर उत्तराखण्ड शासन से कराने का आश्वासन समन्वय समिति के पदाधिकारियों को दिया गया था, परन्तु लम्बित समस्याओं का समाधान करने के बजाय वर्तमान में उत्तराखण्ड शासन में बैठे सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा राज्य कार्मिकों को पूर्व से दिये जा रहे ग्रेड वेतन को भारत सरकार की तर्ज पर डाउन ग्रेड वेतन का निर्णय बिना ठोस तथ्यों के जल्दबाजी में माननीय (कैबिनेट ) मंत्रीमण्डल उत्तराखण्ड सरकार से पारित करा लिया गया है।

कहा कि उक्त निर्णय से प्रदेश के लाखों कार्मिकों में उत्तराखण्ड शासन में बैठे अधिकारियों के प्रति अविश्वास की भावना पनपने के साथ बहुत बड़ा आक्रोश उत्पन्न हो गया है। समन्वय समिति ने अपने सन्दर्भित पत्रों द्वारा समस्याओं का समाधान तथा वार्ता को समय देने हेतु भी शासन से अनुरोध किया गया था, परन्तु किसी भी समस्या का समाधान होने तथा ना ही वार्ता का समय मिल पाने के कारण समन्वय समिति को प्रदेश व्यापी चरणवद्ध आन्दोलन की घोषणा करने हेतु वाध्य होना पड़ा है।

कहा कि समन्वय समिति के उपरोक्त सन्दर्भित पत्र दिनांक 22.08.2022 के द्वारा घोषित चरणबद्ध आन्दोलन के क्रम में प्रथम चरण में समस्त जनपदों में दिनांक 01.09.2022 से दिनांक 15.09.2022 तक गेट मिंटिग / जनजागरण आन्दोलन सफलतापूर्वक सम्पन्न किया जा चुका है, तथा द्वितीय चरण में आज दिनांक 20.09.2022 को जनपद टिहरी गढ़वाल में शान्तिपूर्वक ढ़ंग से एक दिवसीय धरना / प्रदर्शन सफलतापूर्वक सम्पन्न होने के पश्चात जिलाधिकारी महोदय के माध्यम से संलग्न 20 सूत्रीय मांग पत्र इस अनुरोध के साथ प्रेषित किया जा रहा है कि न्यायोचित मांगों का निराकरण शीघ्र कराने की कृपा करें, ताकि प्रदेश में अनिश्चितकालीन हड़ताल जैसा अप्रीय निर्णय लेने हेतु प्रान्तीय संयोजक मण्डल को बाध्य न होना पड़े।

ज्ञापन में पूरण सिंह राणा मुख्य संयोजक, भगत सिंह राणा संयोजक, त्रिलोक सिंह नेगी संयोजक, राजीव नेगी सचिव संयोजक, रघुवीर रांगड संयोजक ने हस्ताक्षर किए।

संगठन की प्रमुख मांगेः-

1. राज्य कार्मिकों हेतु भारत सरकार की तर्ज पर लिये गये डाउन ग्रेड वेतन के अन्यायपूर्ण निर्णय पर पुर्नविचार करते हुए इसे तत्काल वापस लिया जाय

2. प्रदेश के समस्त राज्य कार्मिकों (मिनिस्टीरियल संवर्ग एवं वैयक्तिक सहायक संवर्ग सहित ) / शिक्षकों/निगम / निकाय / विश्व विद्यालय-महाविद्यालय / पुलिस कार्मिकों को पूर्व की भांति 10, 16 व 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति न होने की दशा में पदोन्नति वेतनमान अनुमन्य किया जाये।

3. राज्य कार्मिकों / निगम / निकाय / परिषद् हेतु निर्धारित गोल्डन कार्ड (ै.ळ.भ्.ै.) की व्यवस्था हेतु जारी शासनादेश संख्या-1256 1 ) /ग्ग्टप्प्प् (3) / 21-04/2008, ज्.ब्. दिनांक 25.11.2021 को स्वास्थ्य प्राधिकरण से धरातल पर शत-प्रतिशत लागू कराते हुए इसमें उत्पन्न विसंगतियों का शीघ्र निराकरण कराया जाये तथा सुविधा युक्त उच्च कोटी के अन्य समस्त अस्पतालों को भी योजना में सूचीबद्ध करते हुए सेवानिवृत्त कार्मिकों से निर्धारित धनराशि में 50 प्रतिशत कटौति कर की जाये।

4. पदोन्नति हेतु पात्रता अवधि में पूर्व की भांति शिथिलीकरण की व्यवस्था दिनांक 30.06. 2022 तक ही बढ़ायी गयी है, जिसे बिना शर्त के निरन्तर बढ़ाया जाये।

5. प्रदेश में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाये।

6. मिनिस्टीरियल संवर्ग में कनिष्ठ सहायक को लेवल-4 में वेतनमान 25500-81100 अनुमन्य किया जाये तथा प्रधान सहायक लेवल-06 वेतनमान 35,400-1,12,400 के पद को प्रशासनिक अधिकारी लेवल-07 वेतनमान 44,900-1,42,400 में आमेलन / उच्चीकृत करते हुए कुल 18$8=26þ पद प्रशासनिक अधिकारी के स्वीकृत किये जाये।

7. वैयक्तिक सहायक संवर्ग में पदोन्नति के सोपान बढाते हुए स्टाफिंग पैर्टन के अन्तर्गत ग्रेड वेतन रू0 4800.00 में वरिष्ठ वैयक्तिक अधिकारी का पद सृजित किया जाये।

8. राजकीय वाहन चालकों का ग्रेड वेतन रू0 2400.00 इग्नोर करते हुए स्टाफिंग पैर्टन के अन्तर्गत ग्रेड वेतन रू0 4800.00 तक किया जाये।

9. चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को भी वाहन चालकों की भांति स्टाफिंग पैर्टन हुए ग्रेड वेतन रू0 4200.00 तक अनुमन्य किया जाये।

10. समस्त अभियन्त्रण विभागों में कनिष्ठ अभियन्ता (प्राविधिक ) / संगणक के सेवा प्राविधान एक समान करते हुए इस विसंगति को दूर किया जाये।

11. विभिन्न विभागीय संवर्गों के वेतन विसंगति / वेतन उच्चीकृत एवं स्टाफिंग पैर्टन के प्रकरण जो शासन स्तर पर लम्बित हैं, उनका शीर्घ निस्तारण किया जाये।

12. जिन विभागों के ढांचे का पुर्नगठन / एकीकरण प्रस्ताव शासन स्तर पर लम्बित है, उन विभागों के पूर्व स्वीकृत पदों में कटौती न की जाये, ताकि कार्मिकों के पदोन्नति के अवसर बाधित न हों।

13. राज्य सरकार द्वारा लागू ए०सी०पी० / एम०ए०सी०पी० के अन्तर्गत जारी शासनादेश संख्या-05/ग्ग्टटप्प्प् ( 7 ) / 50 / (09)/2018, दिनांक 06.01.2022 द्वारा अतिउत्तम के स्थान पर उत्तम एवं 05 वर्ष की चरित्र पंजिका देखने की व्यवस्था को दिनांक 01.01.2022 से लागू किया गया है, जिसे पूर्व से लागू किया जाये।

14. जिन विभागों में विभिन्न सेवा संवर्गों की पदोन्नतियां अभी तक लम्बित हैं, उन विभागों में शीर्घ पदोन्नति आदेश जारी कराने की त्वरित कार्यवाही की जाये।

15. 31 दिसम्बर तथा 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों को 06 माह की अवधि पूर्ण मानते हुए एक वेतन वृद्धि अनुमन्य कर सेवानिवृत्ति का लाभ प्रदान किया जाये ।

16. विभिन्न परिसंघों / संघो द्वारा स्थानान्तरण अधिनियम-2017 में उत्पन्न विसंगतियों के सम्बन्ध में दिये गये बिन्दुवार सुझाव एवं समस्याओं का शीघ्र निराकरण किया जाये।

17. राज्य कार्मिकों की भांति निगम / निकाय / विश्व विद्यालय-महाविद्यालय कार्मिकों को भी समान रूप से समस्त लाभ प्रदान किये जायें।

18. तदर्थ रूप से नियुक्त कार्मिकों की विनियमितिकरण से पूर्व तदर्थ रूप से नियुक्ति की तिथि से सेवाओं को जोड़ते हुए वेतन / सैलेक्शन ग्रेड / ए०सी०पी० / पेंशन आदि समस्त लाभ प्रदान किया जाये।

19. समन्वय समिति से सम्बद्ध समस्त परिसंघों के साथ पूर्व में शासन स्तर पर हुई बैठकों में किये गये समझौते / निर्णयों के अनुरूप शीघ्र शासनादेश जारी कराया जाये । 20. वर्तमान में गठित वेतन विसंगति समिति द्वारा शासन को सौंपी गयी रिपोर्ट में कर्मचारी विरोधी निर्णय/सुझावों को अस्वीकार करते हुये इन्हें लागू न किया जाये। आदि सम्मिलित हैं।

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