उत्तराखंड जल संस्थान कर्मचारी संगठन संयुक्त मोर्चा ने किया आऊटसोर्सिंग का विरोध, नियुक्तियां रद्द करने की मांग

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उत्तराखंड जल संस्थान कर्मचारी संगठन संयुक्त मोर्चा ने किया आऊटसोर्सिंग का विरोध, नियुक्तियां रद्द करने की मांग
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12 सितम्बर 2022 को मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय देहरादून में होगी 20 सूत्री मांग पत्रों के बाबत गेट मीटिंग

उत्तराखंड जल संस्थान कर्मचारी संगठन संयुक्त मोर्चा ने अपनी मांगों को लेकर मुख्य महाप्रबंधक उत्तराखण्ड जल संस्थान देहरादून को पत्र प्रेषित किया है। उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति द्वारा कर्मचारियों की 20 सूत्री मांग पत्रों के संबंध में गेट मीटिंग का आयोजन किया जाना है। उन्होंने आऊटसोर्सिंग के माध्यम से भरे गए पदों का भी विरोध जताते हुए ऐसे पदों पर तत्काल नियुक्तियां रद्द करने की मांग की है।

मोर्चा के प्रदेश महामंत्री व मुख्य संयोजक रमेश बिन्जोला द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में कहा गया है कि उत्तराखंड जल संस्थान कर्मचारी संगठन संयुक्त मोर्चा उत्तराखंड प्रदेश की एक आम सभा का आयोजन दिनांक 12 सितम्बर 2022 को मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय जल भवन नेहरू कॉलोनी देहरादून में आम सहमति से किया जाना सुनिश्चित किया गया है जिसमें उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति द्वारा कर्मचारियों की 20 सूत्री मांग पत्रों के संबंध में गेट मीटिंग का भी आयोजन किया जाना है।

उत्तराखंड जल संस्थान में कर्मचारियों को न्यायोचित मांगों का निराकरण ना होने की दशा में आम सभा में आदोलन की रणनीति पर भी विचार किया जाएगा।

मोर्चा की मुख्य मांगों में उत्तराखंड जल संस्थान एवं पेयजल निगम का एकीकरण कर राजकीयकरण किया जाए। 2. राजकीय कर्मियों की भांति उत्तराखंड जल संस्थान के कर्मियों को भी शीघाती शीघ्र आयुष्मान योजना का लाभ दिया जाना, समूह समूह ग में शीघ्रातिशीघ्र पदोन्नति किया जाना, आई०टी०आई धारकों की पदोन्नति विद्युत विभाग सिंचाई विभाग की भांति कनिष्ठ अभियंता के पदों पर किया जाना, दिनांक 01.09.2003 को विनियमित हुए कर्मचारियों जो कि दिनांक 01.09.1906 में संहत वेतन प्राप्त कर रहे थे, उक्त दिनांक 01.11.1906 से सेवा की गणना करते हुए 01.11.2003 से तदनुसार वेतन निर्धारण किया जाना तथा उच्च न्यायालय के आदेशानुसार शीघ्र लाभ प्रदान किया जाना एवं पूर्व में भी विभाग द्वारा दी जा रही राशिकरण की सुविधा को बहाल किया जाना, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को भी वाहन चालकों की भांति स्टाफिंग पैटर्न लागू करते हुए वेतन 4200 तक अनुमन्य किया जाना, राज्य कर्मियों की भांति उत्तराखंड जल संस्थान के कर्मियों को भी समान रूप से वाहन भत्ते की सुविधा अनुमन्य कराया जाना सम्मिलित है।

इसके अलावा पत्र में यह भी कहा गया है कि कर्मचारी संगठन संयुक्त मोर्चा के संज्ञान में यह भी आया है कि मिनिस्ट्रियल संवर्ग में मुख्यालय स्तर पर जो सीधी भर्ती के पद नहीं है, को आऊटसोर्सिंग के माध्यम से भरे गए हैं जिसका कर्मचारी संगठन संयुक्त मोर्चा घोर विरोध करता है साथ ही भांग करता है कि विभाग में ऐसे पदो पर दी गई नियुक्ति को तत्काल रद्द की जाए।

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