आखिर कब मिलेगी कद्दूखाल से कालावन-तेगना मोटर मार्ग की स्वीकृति?

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आखिर कब मिलेगी कद्दूखाल से कालावन- तेगना मोटर मार्ग की स्वीकृति? सब्जी उत्पादन के लिए सिरमौर है कालावन- तेेगना। आश्वासनों के बाद भी नहीं बन पाई 05 किलोमीटर सड़क। जड़ीगला (मंजगांव) को जोड़ने वाली सड़क भी 02 किलोमीटर है खस्ताहाल। कई बार पलट चुकी हैं सब्जियों की गाड़ियां।

जौनपुर प्रखंड की सकलाना पट्टी का धन धान्य से पूर्ण कालावन -तेगना गांव, सदा सुविधाओं का रोना रोता रहा है। पूर्व में मजगांव ग्राम सभा का यह राजस्व ग्राम (कालावन -तेगना) अब पूर्ण ग्राम पंचायत है। क्षेत्र का सबसे ज्यादा कृषि- प्रधान क्षेत्र रहा है और सब्जी उत्पादन के द्वारा लगभग 50 परिवारों की आजीविका का स्रोत है।

दु:ख की बात यह है कि आज तक कद्दूखाल से आश्वासनों के बावजूद भी 05 किलोमीटर सड़क कालावन तक नहीं पहुंच पाई है।

सौंग की सहायक नदी के किनारे -किनारे मजगांव घाटी से ऊपर की तरफ कालापन -तेेगना तक सड़क पहुंचाई गई है लेकिन 02 किलोमीटर कच्ची सड़क मानसून सीजन से क्षतिग्रस्त है। मजबूरन काश्तकारों को घोड़े- खच्चरों का ही सहारा लेना पड़ रहा है जो कि घाटे का सौदा है।

कालावन- तेगना की घाटी तथा संपूर्ण इलाका आलू, मटर, पत्ता गोभी, फूल गोभी, चुकंदर, राई -मूली, हरा धनिया,बे-मौसमी सब्जियों, अनेक प्रकार के दालों के लिए अपनी हैसियत रखता है। आजादी के पूर्व से ही इस क्षेत्र का खेती-बाड़ी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान रहा लेकिन शासकीय और प्रशासनिक उपेक्षा के कारण स्थानीय काश्तकारों और नागरिकों को समुचित लाभ नहीं मिल पाया है। कालावन तेेगना का केंद्र बिंदु, सुरकंडा माता के मंदिर के समीप कद्दूखाल है। अनेकों बार जनप्रतिनिधियों के द्वारा घोषणाएं की गई, आश्वासन दिए गए लेकिन 05 किलोमीटर सड़क कालावन तक कद्दूखाल से नहीं पहुंच पाई है।

स्थानीय निवासी बुजुर्ग भरत सिंह भरगाईं का कहना है, “कई बार जन- आंदोलन के लिए भी जनता को आगे आना पड़ा लेकिन जनप्रतिनिधियों के आश्वासन और वचन देने के कारण हमने विश्वास किया और अपना धरना- प्रदर्शन भी स्थगित करना पड़ा लेकिन बार-बार अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जाता तो 15 दिसंबर 2022 के बाद पुन: स्थानीय जनता लामबंद होगी और आंदोलन की अगली रणनीति के लिए ‘करो या मरो’ की तर्ज पर फैसला लिया जाएगा और जब तक लिखित आश्वासन या शासनादेश प्राप्त नहीं होगा तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।”

मंंजगांंव से कालावन- तेेगना तक जो सड़क आई है वह 8 किलोमीटर के लगभग है। सुरकार्द तक सड़क पक्की है लेकिन जनसंख्या बहुल इलाका जहां लगभग 40 परिवार रहते हैं वहां तक 02 किलोमीटर सड़क कच्ची तथा बहुत ही बुरी स्थिति में है। कई बार सब्जियों के गाड़ियां पलट चुकी हैं। छोटी गाड़ियों का चेंबर लग चुके हैं। लोगों को सुविधा के नाम पर हानि उठानी पड़ रही है। शादी- ब्याह, धार्मिक अनुष्ठान या किसी भी सामाजिक कार्य के लिए उन्हें मजबूरन 02 किलोमीटर दूर सुरकार्द से ही सामान ढोकर लाना पड़ता है और मुख्य बिंदु कद्दूखाल से सड़क नहीं होने के कारण 30 किलोमीटर लंबा चक्कर लगाकर आवागमन और माल पहुंचाना पड़ता है।

सामाजिक कार्यकर्ता भरत सिंह भरगाईं ने शासन- प्रशासन से अनुरोध किया है कि सड़क से संबंधित यह समस्या सुलझायें। जनप्रतिनिधि, माननीय क्षेत्रीय विधायक यथाशीघ्र पहल करें, ताकि स्थानीय लोगों को उनकी घोषणा और आश्वासनों के अनुरूप लाभ मिल सके और उनकी आर्थिक और शारीरिक परेशानियों का भी हल निकल सके।



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