अगस्त्यमुनि महाविद्यालय में ई-ग्रंथालय एवं एन.डी.एल.आई. के संयुक्त तत्वावधान में अभिविन्यास कार्यक्रम कार्यशाला का आयोजन

अगस्त्यमुनि महाविद्यालय में ई-ग्रंथालय एवं एन.डी.एल.आई. के संयुक्त तत्वावधान में अभिविन्यास कार्यक्रम कार्यशाला का आयोजन
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अगस्त्यमुनि महाविद्यालय में ई-ग्रंथालय एवं एन.डी.एल.आई. के संयुक्त तत्वावधान में अभिविन्यास कार्यक्रम कार्यशाला का आयोजन

रुद्रप्रयाग: अगस्त्यमुनि राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्राचार्य प्रो० पुष्पा नेगी के निर्देशन में ई-ग्रंथालय एवं एन.डी.एल.आई. के संयुक्त तत्वावधान में अभिविन्यास कार्यक्रम के अंतर्गत एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इसमें प्राचार्य प्रो० पुष्पा नेगी ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज का युग डिजिटल युग है।

इस डिजिटल युग में हमें पठन-पाठन हेतु ई-ग्रंथालय एवं एन.डी.एल.आई. जैसे ऑनलाइन डिजिटल स्रोतों का लाभ अवश्य उठाना चाहिए। प्राचार्य महोदया ने गूगल और एन.डी.एल.आई. में अंतर बताते हुए कहा कि गूगल से ऑनलाइन अध्ययन करते समय मन के भटकाव की संभावना बढ़ जाती है और समय की खपत भी ज्यादा होती है, जबकि एन.डी.एल.आई. में ऑनलाइन अध्ययन करते समय मन के भटकाव की तो संभावना ही नहीं रह जाती, जिससे समय की भी बचत होती है और कम समय में निश्चित पाठ्य-विषय का ऑनलाइन अध्ययन करने में सुविधा होती है।

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उन्होंने यह भी बताया कि अब अगस्त्यमुनि महाविद्यालय के पुस्तकालय द्वारा डिजिटल कार्ड के माध्यम से पुस्तकें निर्गत की जा सकेंगी, जिससे निर्गत पुस्तकों का ऑनलाइन सटीक रिकॉर्ड स्वतः ही तैयार होता जाएगा। साथ ही प्राचार्य महोदया ने मुख्यमंत्री टैबलेट योजना से प्राप्त टैबलेट का ई-ग्रंथालय पोर्टल और एन.डी.एल.आई. में उपलब्ध ऑनलाइन पुस्तकों के अध्ययन हेतु अधिकाधिक प्रयोग करने हेतु विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया।

तत्पश्चात एन.डी.एल.आई नोडल अधिकारी डॉ० निधि छाबड़ा ने छात्र- छात्राओं को भारतीय राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी के विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए इसके पंजीकरण की प्रक्रिया को समझाया। उन्होंने कहा कि एन.डी.एल.आई संपूर्ण भारत का एक ऐसा पुस्तकालय है, जिसके माध्यम से शिक्षार्थी विषयवार विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रम की पुस्तकों, रिसर्च आर्टिकल, रिपोर्ट, नोट्स, थीसिस, विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के पुराने वर्षों के प्रश्नपत्रों इत्यादि का अध्ययन ऑडियो, वीडियो, टेक्स्ट, पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन इत्यादि विभिन्न रूपों में कर सकता है।

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इसके साथ ही उन्होंने एन.डी.एल.आई. क्लब में पंजीकरण हेतु छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि इस क्लब के माध्यम से विद्यार्थी ऑनलाइन घर बैठे ही विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों के ज्ञान से लाभान्वित हो सकते हैं।

इसके पश्चात पुस्तकालय अध्यक्ष श्री संतोष प्रकाश जमलोकी ने ई-ग्रंथालय के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि ई-ग्रंथालय का शुभारंभ उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा 1 जुलाई 2020 में हुआ था। अद्यतन उत्तराखंड राज्य के 116 उच्च-शिक्षण संस्थान ई-ग्रंथालय से जुड़ चुके हैं। इसके तहत सभी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों को ई-ग्रंथालय पोर्टल से जोड़ने की प्रक्रिया गतिमान है।

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उन्होंने यह भी बताया कि ऑनलाइन पुस्तकें निर्गत करने हेतु अगस्त्यमुनि महाविद्यालय के सभी प्राध्यापकों, कर्मचारियों सहित सभी विद्यार्थियों के डिजिटल लाइब्रेरी कार्ड बनकर तैयार हैं। साथ ही उन्होंने ई-ग्रंथालय की ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया एवं ई-ग्रंथालय पोर्टल पर पुस्तक खोज करने की प्रक्रिया को भी समझाया, जिससे विद्यार्थियों को सुविधानुसार अपनी आवश्यकता और पसंद की पुस्तकों का अध्ययन करने में सहायता मिलेगी।
इस कार्यशाला का मंच संचालन पुस्तकालय प्रभारी डॉ० सीताराम नैथानी ने किया।

इस अवसर पर डॉ० दलीप सिंह बिष्ट, डॉ० अखिलेश्वर कुमार द्विवेदी, डॉ० ममता शर्मा, डॉ० आबिदा, डॉ० सुधीर पेटवाल, डॉ० जितेंद्र सिंह, डॉ० दीप्ति राणा, डॉ० ममता थपलियाल, डॉ० कृष्णा राणा, डॉ० रुचिका कटियार, डॉ० प्रकाश चंद्र फोन्दनी इत्यादि प्राध्यापकों सहित कर्मचारी वर्ग से श्री मुकेश कुमार ,श्री प्रताप सिंह कप्रवाण एवं कु० पल्लवी तथा समस्त छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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